काँगड़ा घाटी-काँगड़ा घाटी को वीर-भूमि के नाम से जाना जाता है। यह शाहपुर से लेकर पालमपुर तक फैली है। इस घाटी के प्रमुख नगर है - धर्मशाला, नूरपुर , काँगड़ा , बैजनाथ , धौलाधार पर्वत श्रृंखला काँगड़ा घाटी पर लाडे मुकुट के समान है। घाटी का बीड़ स्थान हैंग-ग्लाइडिंग के लिए प्रसिद्ध है।
सांगला (बस्पा ) घाटी - सांगला घाटी समुद्रतल से 1830 मीटर से 3475 मीटर तक ऊंचाई के बीच स्थित है। सांगला घाटी का सबसे ऊँचा गांव चितकुल है। 'कामरु' व् 'सांगला' इस घाटी के प्रमुख गाँव है। सांगला घाटी को बस्पा घाटी के नाम से भी जाना जाता है। बस्पा सतलुज की सहायक नदी है।
बल्ह घाटी -
यह घाटी मंडी जिले के मैदानी भागो में स्थित है। यह हिमाचल प्रदेश में सबसे उपजाऊ घाटी है। इस घाटी की औसत ऊंचाई 800 मीटर है। 1962 में भारत जर्मन संयुक्त कृषि परियोजना से इस घाटी का अद्धभुत विकास हुआ है।
चम्बा घाटी -चम्बा घाटी को रावी घाटी के नाम से भी जाना जाता है। रावी नदी चम्बा घाटी के बीचोबीच प्रवाहित होती है। इस घाटी में मुख्यतः गददी जनजाति के लोग रहते है। चम्बा, भरमौर, डल्हौजी , खजियार आदि चम्बा घाटी के प्रमुख नगर है।
कुल्लू घाटी -कुल्लू घाटी को 'देवघाटी ' के नाम से भी जाना जाता है। इस घाटी में देवदार व् सेब के वृक्ष पाए जाते है। इस घाटी में स्थित नगर है - कुल्लू, मनाली , नग्गर, बंजार , आनी।
पौंटा घाटी - यह घाटी कियारदा-दून घाटी के नाम से भी जानी जाती है। यमुना नदी पौंटा घाटी को देहरादून घटइ से अलग करती है। गिरी और बाटा इस घाटी की प्रमुख नदिया है। पौंटा साहिब , माजरा , धौलाकुआं, इस घाटी के अंतर्गत आने वाले कस्बे है।
लाहौल घाटी - यह घाटी हिमाचल प्रदेश के उच्चतम क्षेत्र में स्थित है। इस गति की समुद्रतल से ऊंचाई 3000 मीटर से 6500 मीटर तक है। इस घाटी में अल्पाइन वृक्ष पाए जाते है। यहाँ पर प्रायः आलू की खेती की जाती है। चन्द्रा व् भागा इस घाटी की प्रमुख नदिया है।
पब्बर घाटी - इस घाटी को रोहड़ू घाटी के नाम से भी जाना जाता है। पब्बर इस घाटी की प्रमुख नदि है , जिसका उद्गम स्थल चांसल चोटी है।
सतलुज घाटी - यह घाटी किन्नौर के शिपकी से बिलासपुर जिले तक फैली है। इस घाटी के प्रमुख है- रामपुर , बिलासपुर।
2 Comments
Yes, I like so much!
ReplyDeleteSilver algo trading
Yes, I like so much!
ReplyDeleteSilver algo trading
Please don't enter any spam link in the comment box.