Glacier of Himachal Pradesh
दोस्तों आप लोगो ने बर्फ तो देखा होगा लेकिन क्या आप जानते है की ग्लेशियर (Glacier) कैसे होते है?
Glacier बर्फ़ के जमे हुए बड़े-बड़े पहाड़ को ग्लेशियर (Glacier) कहते है, दूसरे शब्दों में अधिक ठण्ड के कारण बर्फ़ पिघलता नहीं है और जमकर कठोर हो जाता है जिसे Glacier कहते है | ये ग्लेशियर आकर में बहुत बड़े होते है लेकिन लगातार ग्लोबल वार्मिंग Global worming की वजह से ये बहुत जल्दी पिघल रहे है और इनके आकर में कमी आ रही है| Glacier नदियों के जल का प्रमुख स्त्रोत होते है आज हम हिमाचल प्रदेश के प्रमुख ग्लेशियरो के बारे में जानेगे :-
जैसा की हम जानते है की हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है इसकी बहुत सी पहाड़िया सर्दियों में बर्फ़ से ढक जाती है | यह प्रदेश एक ठंडा प्रदेश है जिस कारण यहाँ पर ग्लेशियर (Glacier)होते है |
हिमाचल प्रदेश में ग्लेशियर(Glacier) को स्थानीय भाषा में 'शिगड़ी' कहते है Glacier को हिमनद के नाम से भी जाना जाता है, Glacier नदियों को पानी देते है व् नदियों के उद्गम का प्रमुख स्रोत होते है |
लाहौल स्पीति के ग्लेशियर (Glacier)
बड़ा शिगड़ी
Glacier - यह हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा Glacier है, जो लाहौल-स्पीति में स्थित है| इस Glacier की लम्बाई 25 किलोमीटर है और चंद्रा नदी को पानी इसी Glacier से मिलता है | चंद्रताल झील बड़ा शिगड़ी ग्लेशियर से ही बनी है|
गेफांग ग्लेशियर (Glacier) - लाहौल के देवता गेफांग के नाम पर इसका नाम पड़ा है | गेफांग पर्वत चोटी को 'लाहौल का मणिमहेश' कहा जाता है | इसकी आकृति स्वीट्ज़रलैंड के 'मैटर हॉर्न' के जैसी है |
चन्द्रा ग्लेशियर (Glacier) - यह Glacier चंद्रा नदी एवं चंद्रताल झील की उत्पति का स्त्रोत है, यहाँ कोकसर के रास्ते पंहुचा जा सकता है, यह हिमनद शिगड़ी से अलग होकर बना है |
कुल्टी ग्लेशियर (Glacier) - कोकसर के पास स्थित यह Glacier रोहतांग पार करने पर दिखता है |
इसके आलावा छोटा शिगड़ी, शामुद्री, तापन, शितपिंग, दिंगकर्मो, पाचा, शिल्ली हिमनद भी चंद्रा लाहौल क्षेत्र है|
लेडी ऑफ़ केलांग हिमनद(Glacier) - इस ग्लेशियर को केलांग से देखा जा सकता है, यह 6061 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है | इसका नाम अंग्रेज महिला 'लेडी एलशेनडे' के द्वारा 100 वर्ष पूर्व रखा था | और बर्फ पिघलने पर इसकी आकृति महिला जैसी दिखती है |
मुक्किला ग्लेशियर (Glacier) - इस Glacier से भागा नदी को जल मिलता है, यह 6478 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है |
भागा हिमनद (Glacier) - भागा नदी को जल इस Glacier से मिलता है कोकसर एवं ताण्डी के रास्ते से लाहौल की भागा घाटी में स्थित इस ग्लेशियर तक पहुंचा जा सकता है |
पेराद ग्लेशियर (Glacier) - पेराद को यहाँ के लोग अपनी भाषा में 'टूटी हुई चट्टान' कहते है | यहाँ एक गुफा भी है |
मियार ग्लेशियर (Glacier) - लाहौलघाटी में स्थित यह ग्लेशियर मियार जलधारा को जल की आपूर्ति करता है|
सोनापानी ग्लेशियर (Glacier) - यह कुल्टी नाले के पास स्थित है |
इसके आलवा शिल्पा, कुक्टी, नीलकंठ और लेंगर धोकसा पतन घाटी के प्रमुख Glacier है |
कुल्लू जिले के ग्लेशियर (Glacier)
पार्वती ग्लेशियर (Glacier) - इस ग्लेशियर से पार्वती नदी को पानी मिलता है | इस ग्लेशियर की लम्बाई 15 किलोमीटर है |
व्यास कुंड ग्लेशियर (Glacier) - इस ग्लेशियर से व्यास नदी को पानी मिलता है, यह Glacier रोहतांग दर्रे के पास स्थित है |
दूधोन ग्लेशियर (Glacier) - इस ग्लेशियर से भी पार्वती नदी को पानी मिलता है, इस Glacier की लम्बाई भी 15 किलोमीटर है |
काँगड़ा जिले के ग्लेशियर (Glacier)
भड्ड़ल ग्लेशियर (Glacier) - यह ग्लेशियर काँगड़ा के बड़ा भंगाल क्षेत्र में पीर पंजाल पर्वत श्रेणियो की ढालो पर स्थित है | इससे भड्डल नदी जो रावी की सहायक नदी है को जल मिलता है |
शिमला जिले के ग्लेशियर (Glacier)
चन्द्रनाहन ग्लेशियर (Glacier) - यह Glacier शिमला जिले के रोहरु के चांशल चोटी पर स्थित है जिससे पब्बर नदी को जल मिलता है |
किन्नौर जिले के ग्लेशियर (Glacier)
गारा ग्लेशियर (Glacier) - किन्नौर जिले में स्थित यह Glacier गारा खड्ड जो सतलुज की सहायक खड्ड है को पानी प्रदान करती है |
दोस्तों आज हमने Himachal Pradesh के प्रमुख Glacier के आकर, लम्बाई, स्थान, आदि के बारे में जाना Himachal Pradesh से सबंधित अधिक जानकारी के लिए आप हमारी और पोस्ट देखने के लिए निचे Link पर Click करे-
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